ऋग्वेद के अनुसार जो अनाज हमारे खेतों
में पैदा होता है, उसका बंटवारा देखने योग्य है:-
१- जमीन से चार अंगुल भूमि का,
२- गेहूं के बाली के नीचे का पशुओं का,
३- पहली फसल की पहली बाली अग्नि की,
४- बाली से गेहूं अलग करने पर मूठ्ठीभर दाना
पंछियों का,
५- गेहूं का आटा बनाने पर मुट्ठीभर आटा
चीटियों का,
६- चुटकी भर गुथा आटा मछलियों का,
७- फिर उस आटे की पहली रोटी गौमाता की,
८- पहली थाली घर के बुजुर्गों की,
९- फिर हमारी थाली और
१०- आखिरी रोटी कुत्ते की।
हमारी सनातन संस्कृति हमें यही सिखाती है। हमें गर्व है कि हम इस संस्कृति का
हिस्सा हैं, यहां जन्मे हैं।