एलर्जी से कैसे बचें?
एलर्जी डस्ट, सुगंध, सेंट, फूल, रंग, धुँआ, कोल्ड ड्रिंक और खान -पान से होती है, इससे नाक में खुजली, छीकें, आँखों में खुजली और जलन, गले में खुजली, दांत दर्द, नाक से पानी गिरना, इनमें से कोई भी दिक्कत हो सकती है।
यह रोग ज्यादातर तराई और नमी वाले वातावरण से होता है। देश के पूर्वोत्तर एरिया जैसे बंगाल और असम ,नागालैंड में नम वातावरण के कारण ज्यादा होता है।
एलर्जी होने पर लापरवाही करने से आगे जाकर दमा का रोग हो सकता है फिर साँस भारी होने लग जाता है और बिना टाइम की खांसी होने लग जाती है इसलिए रोग में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
निदान के लिए सबसे पहले हमें यह जान लेना चाहिए कि हमें एलर्जी किस चीज से होता है। अगर डस्ट से होती है तो मुह पर कपड़ा बांधकर कार्य करना चाहिए, धुँआ से होती है तो मुह पर रूमाल रखना चाहिए, खाने से होती है तो वह चीज नहीं खाना चाहिए जिससे एलर्जी होती है।
एलर्जी से बचने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए, सुबह घूमने-फिरने से भी एलर्जी ठीक होती है। हमें रात में नींद पूरी लेना चाहिए। दिन में कभी भी नहीं सोना चाहिए। सुबह उठते ही मुह धोते समय नाक पर पानी नहीं लगाना चाहिए। रात में चावल, दही, केला,आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिन्क नहीं लेना चाहिए। हमें अधिकांश समय प्रकृति के साथ रहना चाहिए। सुबह घूमने के समय बिना चपल के नहीं घूमना-फिरना चाहिए।
हल्के आसनों के अभ्यास के साथ-साथ भस्त्रिका तथा अनुलोम-विलोम प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए। अगर हम उपरोक्त सावधानियां रखें तो बिना दवा ही हमारा रोग गारंटी के साथ ठीक हो सकता है।