आज के आर्टिकल में हम कार्यपालिका किसे कहते हैं (Karyapalika Kise Kahate Hain),कार्यपालिका क्या है (Karyapalika Kya Hai) ,कार्यपालिका के कार्य(Karyapalika ke karya ka varnan) और Karyapalika in Hindi – इन सभी बिन्दुओं पर चर्चा करने वाले है।
कार्यपालिका क्या है (Karyapalika Kise Kahate Hain)
सरकार में एक संस्था नीतिगत निर्णय लेती है और नियमों और कायदों के बारे में तय करती है; दूसरी उसे लागू करने की जिम्मेदारी निभाती है। सरकार का वह अंग जो इन नियमों-कायदों को लागू करता है और प्रशासन का काम करता है, कार्यपालिका कहलाता है।
कार्यपालिका के प्रमुख कार्य क्या हैं? कार्यपालिका सरकार का ? कार्य वह अंग है जो विधायिका द्वारा स्वीकृत नीतियों और कानूनों को लागू करने के लिए ज़िम्मेदार है।
कार्यपालिका प्रायः नीति-निर्माण में भी भाग लेती है। कार्यपालिका का औपचारिक नाम अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न होता है। कुछ देशों में राष्ट्रपति होता है, तो कहीं चांसलर |
कार्यपालिका में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या मंत्री ही नहीं होते बल्कि इसके अंदर पूरा प्रशासनिक ढाँचा (सिविल सेवा के सदस्य) भी आते हैं।
सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को राजनीतिक कार्यपालिका कहते हैं और वे सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं; लेकिन जो लोग रोज़-रोज़ के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते हैं, उन्हें स्थायी कार्यपालिका कहते हैं।
कार्यपालिका का अर्थ (Karyapalika Ka Arth)
सरकार के उस अंग से है जो कायदे-कानूनों को संगठन में रोजाना लागू करते है।
सरकार का वह अंग जो नियमों कानूनों को लागू करता है और प्रशासन का काम करता है कार्यपालिका कहलाता है। कार्यपालिका विधायिका द्वारा स्वीकृत नीतियों और कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। कार्यपालिका में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री य मंत्री ही नहीं होते बल्कि इसके अंदर पूरा प्रशासनिक ढांचा (सिविल सेवा के सदस्य ) भी आता है।
राजनीतिक कार्यपालिका में सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को सम्मिलित किया जाता है। ये सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते है। राजनीतिक अधिकारी निर्वाचित होते है, स्थायी नही।
स्थायी कार्यपालिका में जो लोग रोज-रोज के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते है, को सम्मिलित किया जाता है। ये सिविल सेवक है जैसे IAS, IPS आदि।
अमेरिका में अध्याक्षात्मक व्यवस्था है और कार्यकारी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती है।
कनाडा में संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजतंत्र है जिसमें महारानी राज्य की प्रधान और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
फ्रांस में राष्ट्रपति ओर प्रधानमंत्री अर्द्धअध्यक्षात्मक व्यवस्था के हिस्से हैं। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है पर उन्हें पद से हटा नहीं सकता क्योंकि वे संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
जापान में संसदीय व्यवस्था है जिसमें राजा देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है।
इटली में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
रूस में एक अर्द्धअध्यक्षात्मक व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का प्रधान और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
जर्मनी में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमे राष्ट्रपति नाम मात्र का प्रधान और चांसलर सरकार का प्रधान है।
कार्यपालिका की प्रकृति (Karyapalika Ki Prakrati)
कुछ देशों की कार्यपालिकाओं की प्रकृति पर प्रकाश डालेंगे। अमेरिका में अध्यक्षात्मक व्यवस्था है और कार्यकारी शक्तियाँ राष्ट्रपति के पास हैं। कनाडा में संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजतंत्र है जिसमें महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय राज्य की प्रधान और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है। फ्रांस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अर्द्ध- अध्यक्षात्मक व्यवस्था के हिस्से हैं। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है पर उन्हें पद से हटा नहीं सकता क्योंकि वे संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
जापान में संसदीय व्यवस्था है जिसमें राजा देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है। इटली में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है। रूस में एक अर्द्ध- अध्यक्षात्मक व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का प्रधान और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है। जर्मनी में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का नाममात्र का प्रधान और चांसलर सरकार का प्रधान है।
अध्यक्षात्मक व्यवस्था में राष्ट्रपति राज्य और सरकार दोनों का ही प्रधान होता है। इस व्यवस्था में सिद्धांत और व्यवहार दोनों में राष्ट्रपति का पद बहुत शक्तिशाली होता है। ऐसी व्यवस्था अमेरिका, ब्राज़ील और लैटिन अमेरिका के अनेक देशों में पाई जाती है । संसदीय व्यवस्था में प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है।
कार्यपालिका के प्रकार
1. सामूहिक नेतृत्व के सिद्धांत पर आधारित प्रणाली
संसदीय
सरकार के प्रमुख को आमतौर पर प्रधानमंत्री कहते हैं। वह विधायिका में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह विधायिका के प्रति जवाबदेह होता है।
देश का प्रमुख इनमें से कोई भी हो सकता है:
राजा
राष्ट्रपति
अर्ध-अध्यक्षात्मक
राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है। प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। प्रधानमंत्री और उसका मंत्रिपरिषद् विधायिका के प्रति जवाबदेह होता है।
2. एक व्यक्ति के नेतृत्व के सिद्धांत पर आधारित प्रणाली
अध्यक्षात्मक
राष्ट्रपति देशका प्रमुख होता है। वही सरकार का भी प्रमुख होता है। राष्ट्रपति का चुनाव आमतौर पर प्रत्यक्ष मतदान से होता है। वह विधायिका के प्रति जवाबदेह नहीं होता।
भारत में संसदीय कार्यपालिका (Sansadiya Karyapalika)
हमारे संविधान निर्माता यह चाहते थे सरकार ऐसी हो जो जनता की अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी हो ऐसा केवल संसदीय कार्यपालिका में ही संभव था ।
अध्यक्षात्मक कार्यपालिका क्यूंकि राष्ट्रपति की शक्तियों पर बहुत बल देती है, इससे व्यक्ति पूजा का खतरा बना रहता है। संविधान निर्माता एक ऐसी सरकार चाहते थे जिसमें एक शक्तिशाली कार्यपालिका तो हो, लेकिन साथ-साथ उसमें व्यक्ति पूजा पर भी पर्याप्त अंकुश लगें हो ।
संसदीय व्यवस्था में कार्यपालिका विधायिका या जनता के प्रति उत्तरदायी होती है और नियंत्रित भी । इसलिए संविधान में राष्ट्रीय और प्रांतीय दोनों ही स्तरों पर संसदीय कार्यपालिका की व्यवस्था को स्वीकार किया गया । भारत में इस व्यवस्था में राष्ट्रपति, औपचारिक प्रधान होता है तथा प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद राष्ट्रीय स्तर पर सरकार चलाते है। राज्यों के स्तर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद मिलकर कार्यपालिका बनाते है।
औपचारिक रूप से संघ की कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति को दी गई है। परंतु वास्तविक रूप से प्रधानमंत्री तथा मंत्रिपरिषद के माध्यम से राष्ट्रपति इन शक्तियों का प्रयोग करता है। राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए चुना जाता है वह भी अप्रत्यक्ष तरीके से, निर्वाचित सांसद और विधायक करते हैं। यह निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के सिद्धांत के अनुसार होता है।
संसद, राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया के द्वारा उसके पद से हटा सकती है। महाभियोग केवल संविधान के उल्लंघन के आधार पर लगाया जा सकता है।
कार्यपालिका के कार्य (Karyapalika Ke Karya)
कार्यपालिका का प्रमुख रूप से कानून के कार्यान्वयन की निगरानी और निर्देशन का कार्य करती है ।
कार्यपालिका की जिम्मेदारी राज्य की सामान्य नीतियों को बनाने की भी है । यह अस्थायी कार्यपालिका (temporary executive) के अंतर्गत आता है ।
कार्यपालिका के कार्य के अंतर्गत विभिन्न उच्च और सर्वोच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, संघ के अध्यक्ष और सदस्यों, राजदूतों, वायु सेना और नौसेना आदि के प्रमुखों की नियुक्ति आता है ।
कार्यपालिका को यह तय करना होता है कि विभिन्न देशों के साथ किन संधियों पर हस्ताक्षर करना चाहिए ।
यह देश की अखंडता और एकता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने के लिए जिम्मेदार है ।
कार्यपालिका के कार्य के अंतर्गत राज्य की विदेश नीति को बनाना भी है।
कार्यपालिका देश के अंदर विभिन्न कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
कार्यपालिका देश लोगो के लिए उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मान और उपाधि प्रदान करना महत्व पूर्ण कार्य है।
FAQ
राजनीतिक कार्यपालिका क्या है?
राजनीतिक अधिकारी कार्यकारिणी के स्थायी सदस्य नहीं होते हैं बल्कि एक विशेष कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं और सरकार बदलने पर बदल जाते हैं।
कार्यपालिका क्या है?
सरकार का वह अंग जो नियमों कानूनों को लागू करता है और प्रशासन का काम करता है कार्यपालिका कहलाता है।
स्थायी कार्यपालिका क्या है?
स्थायी कार्यपालिका में जो लोग रोज-रोज के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते है, को सम्मिलित किया जाता है। ये सिविल सेवक है जैसे IAS, IPS आदि ।
संसदीय कार्यपालिका क्या है?
संसदीय व्यवस्था में प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है इस व्यवस्था में एक राष्ट्रपति या राजा होता है जो देश का नाममात्र का प्रधान होता है । प्रधानमंत्री के पास वास्तविक शक्ति होती है। भारत, जर्मनी, इटली, जापान, इंग्लैंड और पुर्तगाल आदि देशों में यह व्यवस्था है।
अस्थायी कार्यपालिका क्या है?
अस्थायी कार्यपालिका में सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियों को सम्मिलित किया जाता है। ये सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते है। राजनीतिक अधिकारी निर्वाचित होते है, स्थायी नही ।
अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था क्या है?
अध्यक्षात्मक व्यवस्था में राष्ट्रपति देश और सरकार दोनों का ही प्रधान होता है । इस व्यवस्था में सिद्धांत और व्यवहार दोनों में ही राष्ट्रपति का पद बहुत शक्तिशाली होता है। अमेरिका, ब्राजील और लेटिन अमेरका के कई देशों में यह व्यवस्था पाई जाती है।
संसदीय शासन व्यवस्था क्या है?
संसदीय व्यवस्था में प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है इस व्यवस्था में एक राष्ट्रपति या राजा होता है जो देश का नाममात्र का प्रधान होता है । प्रधानमंत्री के पास वास्तविक शक्ति होती है। भारत, जर्मनी, इटली, जापान, इंग्लैंड और पुर्तगाल आदि देशों में यह व्यवस्था है।
अर्द्धअध्यक्षात्मक व्यवस्था क्या है?
अर्द्धअध्यक्षात्मक व्यवस्था में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों होते हैं लेकिन उसमें राष्ट्रपति को दैनिक कार्यों के संपादन में महत्वपूर्ण शक्तियां प्राप्त हो सकती है फ्रांस, रूस और श्रीलंका में ऐसी ही व्यवस्था है।