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भारत के उपराष्ट्रपति कौन है 2023 | Uprashtrapati Kaun Hai
श्री जगदीप धनखड़
उप-राष्ट्रपति (Vice-President)
उप-राष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। आधिकारिक क्रम में उसका पद राष्ट्रपति के बाद आता है। उप राष्ट्रपति का पद, अमेरिका के उप-राष्ट्रपति की तर्ज पर बनाया गया है।
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन | Uprashtrapati Ka Nirvachan
राष्ट्रपति की तरह उप-राष्ट्रपति को जनता द्वारा सीधे नहीं चुना जाता बल्कि परोक्ष विधि से चुना जाता है। वह संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है। अतः यह निर्वाचक मंडल, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल से दो बातों में भिन्न है:
1. इसमें संसद के निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य होते हैं (राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य होते हैं) ।
2. इसमें राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल नहीं होते हैं (राष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं) ।
डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने इन विभिन्नताओं की व्याख्या करते हुए कहा: “राष्ट्रपति, राष्ट्र का प्रमुख होता है और उसमें केंद्र तथा राज्य दोनों के प्रशासन करने की शक्तियां निहित हैं। इस प्रकार उसके चुनाव में यह आवश्यक है कि न केवल संसद के सदस्य अपितु राज्य विधायिका के सदस्य भी भाग लें। परंतु उप-राष्ट्रपति के कार्य सामान्य हैं।
उसका मुख्य कार्य राज्यसभा की अध्यक्षता करना है। यह एक विरल अवसर होता है और वह भी अल्पकालिक समय के लिए; जब उसे राष्ट्रपति के कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कहा जाता है। इस प्रकार यह आवश्यक नहीं लगता कि राज्य विधायिकाओं के सदस्यों को उप-राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया जाए। “
किंतु दोनों मामलों में चुनाव प्रक्रिया समान होती है। अर्थात राष्ट्रपति के चुनाव की तरह उप-राष्ट्रपति का चुनाव भी आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमण मत द्वारा और गुप्त मतदान से होता है।
उपराष्ट्रपति की अर्हताएं (Uprashtrapati Ki Ahartaye)
उप-राष्ट्रपति के चुनाव हेतु किसी व्यक्ति को निम्नलिखित अर्हताएं पूर्ण करनी चाहिएं:
1. वह भारत का नागरिक हो ।
2. वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
3. वह राज्यसभा सदस्य बनने के लिए अर्हित हो ।
4. वह केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा किसी स्थानीय प्राधिकरण या अन्य किसी सार्वजनिक प्राधिकरण के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर न हो।
किंतु एक वर्तमान राष्ट्रपति अथवा उप-राष्ट्रपति, किसी राज्य का राज्यपाल और संघ अथवा राज्य का मंत्री किसी लाभ के पद पर नहीं माने जाते इसलिए वह उप-राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के योग्य होता है।
इसके अतिरिक्त उप-राष्ट्रपति के चुनाव के नामांकन के लिए उम्मीदवार के कम से कम 20 प्रस्तावक तथा 20 अनुमोदक होने चाहिये । प्रत्येक उम्मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक में 15,000 रुपये जमानत राशि के रूप में जमा करना आवश्यक होता है।
उपराष्ट्रपति की शपथ या प्रतिज्ञान (Uprashtrapati Ki Shapath)
उप-राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा। अपनी शपथ में उप- राष्ट्रपति शपथ लेगा:
1. मैं भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।
2. मैं अपने पद और कर्तव्यों का निर्वाह श्रद्धापूर्वक करूंगा । उप-राष्ट्रपति को उसके पद की शपथ राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा दिलवाई जाती है।
उप-राष्ट्रपति पद की शर्तें (Uprashtrapati Pad Ki Sharte)
संविधान द्वारा उप-राष्ट्रपति पद हेतु निम्नलिखित दो शर्तें निर्धारित की गई हैं:
1. वह संसद के किसी भी सदन अथवा राज्य विधायिका के किसी भी सदन का सदस्य न हो। यदि ऐसा कोई व्यक्ति उप-राष्ट्रपति निर्वाचित होता है तो यह माना जाएगा कि उप-राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने के तिथि से उसने अपनी उस सदन की सीट को रिक्त कर दिया है।
2. वह किसी लाभ के पद पर न हो।
उपराष्ट्रपति की पदावधि (Uprashtrapati Ki Padavadhi)
उप-राष्ट्रपति की पदावधि उसके पद ग्रहण करने से लेकर 5 वर्ष तक होता है। हालांकि वह अपनी पदावधि में किसी भी समय अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकता है। उसे अपने पद से पदावधि पूर्ण होने से पूर्व भी हटाया जा सकता है।
उसे हटाने के लिए औपचारिक महाभियोग की आवश्यकता नहीं है। उसे राज्यसभा द्वारा संकल्प पारित कर पूर्ण बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। (अर्थात सदन के कुल सदस्यों का बहुमत ) और इसे लोकसभा की सहमति आवश्यक है।
परंतु ऐसा कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता जब तक 14 दिन का अग्रिम नोटिस न दिया गया हो। ध्यान देने योग्य बात यह है कि संविधान में उसे हटाने हेतु कोई आधार नहीं है।
उप-राष्ट्रपति अपनी 5 वर्ष की पदावधि के उपरांत भी पद पर बना रह सकता है, जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण न करे। वह उस पद पर पुनर्निर्वाचन के योग्य भी होता है। वह इस पद पर कितनी ही बार निर्वाचित हो सकता है।
उपराष्ट्रपति पद की रिक्तता (Uprashtrapati Pad Ki Riktta)
उप-राष्ट्रपति का पद निम्नलिखित कारणों से रिक्त हो सकता है:
1. उसकी 5 वर्षीय पदावधि की समाप्ति होने पर ।
2. उसके द्वारा त्यागपत्र देने पर ।
3. उसे बर्खास्त करने पर ।
4. उसकी मृत्यु पर
5. अन्यथा, उदाहरण के लिए, यदि वह पद ग्रहण करने के अयोग्य हो अथवा उसका निर्वाचन अवैध घोषित हो।
जब पद रिक्त होने का कारण उसके कार्यकाल का समाप्त होना हो तब उस पद को भरने हेतु उसका कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व नया चुनाव कराना चाहिए।
यदि उसका पद उसकी मृत्यु त्यागपत्र, निष्कासन अथवा अन्य किसी कारण से रिक्त होता है, उस स्थिति में शीघ्रातिशीघ्र चुनाव कराने चाहिये। नया चुना गया उप-राष्ट्रपति पद ग्रहण करने के 5 वर्ष तक अपने पद पर बना रहता है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव विवाद (Uprashtrapati Ka Chunav Vivad)
उप-राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी शंकाएं व विवादों की जांच और निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा किए जाते हैं, जिसका निर्णय अंतिम होगा। उप राष्ट्रपति के चुनाव को निर्वाचक मंडल
के अपूर्ण होने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती (अर्थात जब निर्वाचक मंडल में किसी सदस्य का पद रिक्त हो) । यदि उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति के उप-राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचन को अवैध घोषित किया जाता है तो उच्चतम न्यायालय की इस घोषणा से पूर्व उसके द्वारा किए गए कार्य अवैध घोषित नहीं होंगे (वे प्रभावशाली रहेंगे)।
उपराष्ट्रपति की शक्तियां और कार्य (Uprashtrapati Ki Shaktiyan Aur Karya)
उप-राष्ट्रपति के कार्य दोहरे होते हैं:
1. वह राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में कार्य करता है। इस संदर्भ में उसकी शक्तियां व कार्य लोकसभा अध्यक्ष की भांति ही होते हैं। इस संबंध में वह अमेरिका के उप-राष्ट्रपति के समान ही कार्य करता है, वह भी सीनेट – अमेरिका के उच्च सदन का सभापति होता है।
2. जब राष्ट्रपति का पद उसके त्यागपत्र, निष्कासन, मृत्यु तथा अन्य कारणों से रिक्त होता है तो वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य करता है।
वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में अधिकतम छह महीने की अवधि तक कार्य कर सकता है। इस अवधि में नए राष्ट्रपति का चुनाव आवश्यक है। इसके अतिरिक्त वर्तमान राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कार्यों को करने में असमर्थ हो तो वह राष्ट्रपति के पुनः कार्य करने तक उसके कर्त्तव्यों का निर्वाह करता है।
कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के दौरान उप-राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य नहीं करता है । इस अवधि में उसके कार्यों का निर्वाह उप-सभापति द्वारा किया जाता है।
भारत एवं अमेरिकी उप-राष्ट्रपतियों की तुलना यद्यपि भारत के उप-राष्ट्रपति का पद, अमेरिका के उप-राष्ट्रपति के मॉडल पर आधारित है, परंतु इसमें काफी भिन्नता है। अमेरिका का उप-राष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर अपने पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल की शेष अवधि तक उस पद पर बना रहता है।
दूसरी ओर, भारत का उप-राष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर, पूर्व राष्ट्रपति के शेष कार्यकाल तक उस पद पर नहीं रहता है। वह एक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में तब तक कार्य करता है, जब तक कि नया राष्ट्रपति कार्यभार ग्रहण न कर ले।
उक्त बातों से स्पष्ट है कि संविधान ने उप-राष्ट्रपति की क्षमता के अनुरूप उसे कोई विशेष कार्य नहीं सौंपे हैं। अतः कुछ लोग इसे ‘हिज़ सुपरफ्लुअस हाइनेस’ कहते हैं। यह पद भारत में राजनीतिक निरंतरता को बनाए रखने के लिए सृजित किया गया है।
उपराष्ट्रपति की परिलब्धियां (Uprashtrapati Ka Vetan)
संविधान में उप-राष्ट्रपति के लिए परिलब्धियों आदि की व्यवस्था नहीं है। उसे जो भी वेतन मिलता है, वह राज्यसभा का पदेन सभापति होने के कारण मिलता है। संसद ने राज्यसभा के सभापति का वेतन 4 लाख रुपए प्रतिमाह कर दिया।” इसके अलावा उसे दैनिक भत्ता, निःशुल्क पूर्ण सुसज्जित आवास, फोन की सुविधा, कार, चिकित्सा सुविधा, यात्रा सुविधा एवं अन्य सुविधायें भी मिलती हैं।
उप-राष्ट्रपति जब किसी अवधि में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वह राज्यसभा के सभापति को मिलने वाला वेतन नहीं पाता है, अपितु उसे राष्ट्रपति को प्राप्त होने वाले वेतन व भत्ते आदि मिलते हैं।
उप-राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद
63 भारत के उप-राष्ट्रपति
64 उप-राष्ट्रपति का राज्यों की परिषद का पदेन सभापति होना
65 उप-राष्ट्रपति का आकस्मिक रिक्तियों अथवा राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
66 उप-राष्ट्रपति का चुनाव
67 उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल
68 उप-राष्ट्रपति कार्यालय की रिक्ति की पूर्ति के लिए चुनाव का समय निर्धारण तथा आकस्मिक रिक्ति की पूर्ति के लिए चुने गए व्यक्ति का कार्यकाल
69 उप-राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण
70 अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
71 उप-राष्ट्रपति के चुनाव संबंधी अथवा उससे जुड़े मामले
भारत के उपराष्ट्रपतियों की लिस्ट (1952-2023)
- 1952 डॉ. एस. राधाकृष्णन
- 1957 डॉ. एस. राधाकृष्णन
- 1962 डॉ. जाकिर हुसैन
- 1967 वी.वी. गिरि
- 1969 जी. एस. पाठक
- 1974 बी.डी. जत्ती 521
- 1979 एम. हिदायतुल्ला
- 1984 आर. वेंकटरमण
- 1987 डॉ. शंकर दयाल शर्मा
- 1992 के.आर. नारायणन
- 1997 कृष्णकांत
- 2002 बी.एस. शेखावत
- 2007 मो. हामिद अंसारी
- 2012 मो. हामिद अंसारी
- 2017 वेंकैया नायडू
- 2022 जगदीप धनखड़
FAQ
उपराष्ट्रपति का मुख्य कार्य क्या है?
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। अतः वह राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करता है।
उपराष्ट्रपति की शक्ति क्या है?
अनुच्छेद 64 (2) के तहत, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के कार्यों का भी निर्वहन करता है जब राष्ट्रपति ‘अनुपस्थिति, बीमारी या किसी अन्य कारण से’ ऐसा करने में असमर्थ होते हैं.
उपराष्ट्रपति का पद कौन से अनुच्छेद में है?
भारत में उपराष्ट्रपति के पद संबंधी प्रावधान अमेरिका के संविधान से लिया गया है। अनुच्छेद – 63 अनुसार भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा।
उपराष्ट्रपति की भूमिका और जिम्मेदारी क्या है?
भारत में, उपराष्ट्रपति का कार्य राष्ट्रपतियों के समान होता है, क्योंकि जब राष्ट्रपति अनुपलब्ध होता है, तो उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति का स्थान लेता है। दूसरे शब्दों में, उपराष्ट्रपति का काम राष्ट्रपति को भारतीय गणराज्य के औपचारिक नेता के रूप में कार्य करने में मदद करना है।
भारत के उपराष्ट्रपति को पद से कौन हटा सकता है?
उपराष्ट्रपति को राज्य सभा के एक ऐसे संकल्प द्वारा पद से हटाया जा सकता है।
उपराष्ट्रपति को पद की शपथ कौन दिलाता है?
उपराष्ट्रपती को शपथ माननिय राष्ट्रपति दिलाते है .
भारत के उपराष्ट्रपति की नियुक्ति कौन करता है?
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन होता है नाकि नियुक्ति।
उपराष्ट्रपति का पद कहाँ से लिया?
भारत के उपराष्ट्रपति का पद अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की कुछ परिवर्तन सहित अनुकृति है।
उपराष्ट्रपति का नाम क्या?
श्री जगदीप धनखड़
भारत का पहला राष्ट्रपति कौन है?
राजेन्द्र प्रसाद।
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कौन है?
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल।
उपराष्ट्रपति कितने साल तक रहता है?
पांच वर्ष।
उपराष्ट्रपति को पद की शपथ कौन दिलाता है?
भारत के राष्ट्रपति
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति का नाम क्या है?
सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भारत के प्रथम महिला उपराष्ट्रपति कौन है?
भारत में अभी तक कोई भी महिला उपराष्ट्रपति नहीं रही है
भारत के उपराष्ट्रपति का नाम क्या है?
श्री जगदीप धनखड़