What Is Soil In Hindi | मृदा किसे कहते हैं | यह कितने प्रकार के होते हैं?

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का इस आर्टिकल पर जिसमें हम जानेगे की मृदा किसे कहते हैं (What Is Soil In Hindi) और यह भारत में कितने प्रकार की होती है और मृदा को प्रभावित करने वाले कारक इन सभी की जानकारी आपको इस आर्टिकल मैं दी जाएगी।

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What Is Soil In Hindi: मृदा किसे कहते हैं, मृदा कितने प्रकार की होती है?

पृथ्वी की सबसे ऊपरी भाग पर पायी जाने वाली परत को मिट्टी या मृदा कहते हैं यह मृदा अनेक प्रकार की खनिजो और जीव जंतुओं के अवशेषों से मिलकर बनी होती है। मृदा जलवायु पेड़ पौधों और जीव जंतुओं एवं भूमि की ऊंचाई के बीच लगातार विभिन्न क्रियो के परिणाम स्वरुप विकसित होती है। और इसमें प्रत्येक घटक क्षेत्र विशेष के अनुसार बदलता रहता है अतः भारत के अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग प्रकार की मिट्टियां पाई जाती है।

मृदाओं का वर्गीकरण और प्रकार (Classification And Types Of Soils)

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की मिट्टियां पाई जाती है जो कि वहां की जलवायु और मौसम के अनुरूप होती है।

जलोढ़ मृदा (Alluvial Soil)

1. सिंध्-गंगा-ब्रह्मपुत्र के दोआब तथा समुद्र-तटीय क्षेत्र में पायीजाती है।

2. इसमे धन, गेहूँ, गन्ना, आलू, तिलहनी आदि फसलें होती है।

3. इसमे पोटाश व चूना की प्रचुरता होती है।

4. नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा जीवांश पदार्थ का अभाव होता है।

काली मृदा (Black Soil)

1. महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु का लावा क्षेत्र में पायी जाती है।

2. कपास, सोयाबीन, चना, ज्वार, गेहूँ, मूँगफली, केला आदि फसलों की खेती होती है।

3. पोटाश, चूना, मैग्नीशियम व एल्युमीनियम की प्रचुरता होती है।

4. नाइट्रोजन, फास्फोरस व जीवांश की कमी होती है।

लाल मिट्टी (Red Soil)

1. सम्पूर्ण तमिलनाडु कर्नाटक, द.पू. महाराष्ट्र, उड़ीसा एवं मध्य प्रदेश के द.पू. भाग में पायी जाती है।

2. तम्बाकू, रागी, ज्वार, तीसी, कपास, गेहूँ, मक्का आदि फसलों की खेती होती है।

3. लोहे की प्रचुरता होती है।

4. नाइट्रोजन, फास्फोरस व जीवांश की कमी होती है।

लैटैराइट मिट्टी (Laterite Soil)

1. कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र तथा उड़ीसा के पर्वतीय पाद क्षेत्र में पायी जाती है।

2. चाय, काफी, रबर, सिनकोना, काजू की फसलें होती है।

3. लोहा व एल्युमीनियम की प्रचुरता होती है।

4. नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व चूना की कमी होती है।

मरूस्थलीय मृदा (Desert Soil)

1. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि क्षेत्रों में पायी जाती है।

2. बाजरा, ज्वार, मोटा अनाज, सरसों, जौ की खेती की जाती है।

3. लवण व फास्फोरस की प्रचुरता पायी जाती है।

4. जीवांश व नाइट्रोजन का अभाव होता है।

पर्वतीय मृदा (Mountain Soil)

1. कश्मीर से अरूणाचल प्रदेश तक की पर्वतीय क्षेत्र में पायी जाती है।

2. सेब, नाशपाती, आलूचा, चाय, आदि फसलों की अधिकता होती है।

3. पोटाश, चूना व फास्फोरस का अभाव होता है।

4. जीवांश की प्रचुरता होती है।

लवणीय मृदाएं (Saline Soils)

वे मृदाएं जिनमें 250 से. ताप पर मृदा के संतृप्त निष्कर्ष की विद्युत चालकता 4 डेसी साइमन/मीटर से अधिक होती है, विनिमेय सोडियम 15% से कम पाया जाता है तथा समु PH 8.5 से कम होता है, को लवणीय मृदा कहते हैं।

लवणीय/क्षारीय मृदाओं का सुधार भौतिक तकनीक द्वारा

1. मृदा की सतह को खुरचकर

2. निक्षालन

3. खाई खोदकर

4. विलेय लवणों का पूरी सतह से बहाना

5. उचित जल निकास

रासायनिक तकनीक द्वारा

1. विलेय कैल्सियम लवणों का प्रयोग, कैल्सियम क्लोराइड, जिप्स, फास्फोरस आदि।

2. कम विलेय कैल्सियम लवणों का प्रयोग- जैसे चूना पत्थर, गन्ना मिलों से प्राप्त उपजात, चूना पदार्थ आदि।

3. अम्ल तथा अम्ल उत्पादक पदार्थो का प्रयोग, जैसे- सल्फर, गंध्क का अम्ल, द्रव सल्फर डाइआक्साइड, एल्मुमिनियम सल्फेट, फैरस सल्फेट, लाइम सल्फर, शीरा और पायराइट्स आदि।

जैविक तकनीक द्वारा

1. शीरा एवं लदोई का प्रयोग

2. हरी खादों व फसल अवशेषों का प्रयोग

3. सत्यानाशी इसे मैक्सीकन पौपी भी कहते हैं, जिसकी मिलावट सरसों के तेल में भी हुई, जैसे खरपतवार का प्रयोग

4. वनस्पतियों द्वारा लवणीय मृदा में अपनाए जाने वाले फसल चक्र

i. धान-जौ-ज्वार

ii. ढ़ैंचा; हरी खाद – चुकन्दर-मक्का-जौ

iii. धान-सरसों

iv. कपास-रिजका-मक्का-आलू

v. धान-पालक लवणों के लिए फसलों की आपेक्षिक सहिष्णुता क्षेत्र फसलें

vi. उच्च लवण सहिष्णु: जौ, ढ़ैंचा, चुकन्दर, तम्बाकू, सरसों, कपास।

vii. मध्य लवण सहिष्णु: धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, गेहूँ, राई, जई।

viii. न्यून लवण सहिष्णु: सनई, उर्द, मूँग, मटर, चना

चारे की फसलें

1. उच्च लवण सहिष्णु: रोड्स घास, खस घास।

2. मध्य लवण सहिष्णु: सूडान घास, ज्वार, बाजरा, मक्का, बरसीम, सेंजी, रिजका, ग्वार।

3. न्यून लवण सहिष्णु: ग्वार

सब्जियां

1. उच्च लवण सहिष्णु: चुकन्दर, पालक, मूली, शलजम।

2. मध्य लवण सहिष्णु: पत्तागोभी, फूलगोभी, सलाद, टमाटर, मटर, गाजर, प्याज, खीरा, लौकी, करेला, आलू।

3. न्यून लवण सहिष्णु: सेम, मूली की अंग्रेजी प्रजातियाँ

फल

1. उच्च लवण सहिष्णु: खजूर, फालसा

2. मध्य लवण सहिष्णु: अनार, जैतून, अंजीर, अंगूर, अमरफद, आम, केला

3. न्यून लवण सहिष्णु: नाशपाती, सेब, नारंगी, ग्रेपफ्रूट, बेर, बादाम, नींबू, स्ट्राबेरी।

अम्लीय मृदाएँ (Acidic Soils)

नम जलवायु जहाँ पर मृदाओं के कोलाइडी संकीर्ण पर अधिशोषित भस्मों की अधिक मात्रा वर्षा जल के साथ बाहर निकल जाती है तथा क्ले संकीर्ण पर हाइड्रोजन आयन्स का सान्द्रण बढ़ जाता है, में प्रायः अम्लीय मृदाएँ केरल, असम, मणिपुर, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा में पाई जाती है।

अम्लीय मृदा बनने के कारण (Due To Formation Of Acidic Soil)

1. अम्लीय चट्टानों से मृदा निर्माण

2. बेस का क्षीण होना

3. अम्ल उत्पादक उर्वरकों को प्रयोग

4. मृदा में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा

5. सूक्ष्म जैविक प्रभाव

पौधों पर अम्लता का प्रभाव (Effect Of Acidity On Plants)

1. पादप जड़ के उतकों पर विषैला प्रभाव

2. पाद झिल्लियों पर धनायनों के प्रवेश पर प्रभाव

3. विभिन्न पोषण तत्वों; कापर, फास्फोरस, जिंक की अप्राप्यता

4. मृदा सूक्ष्म जीवों पर बुरा प्रभाव

5. पादप रोगों का पनपना

6. अधिक अम्लता में मृदा में पोषक तत्वों; कैल्सियम व पोटैशियम की कमी

अम्लीय मृदाओं का सुधार

  1. चूना द्रव्यों का प्रयोग

FAQ

मृदा कैसे बनती है?

जल, वायु और प्रकाश की रासायनिक और भौतिक क्रियो के पश्चात विभिन्न प्रकार की चट्टानों के टूटने से मृदा का निर्माण होता है।

मृदा में कुल कितने तत्व पाए जाते हैं?

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्व पाए जाते हैं।

मृदा कितने प्रकार की होती है?

भारत के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार की करता है पाई जाती है जोकि आठ प्रकार की होती है।

मृदा के प्रमुख कार्य क्या है?

मिट्टी प्रमुख रूप से पेड़ पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करने का कार्य करती है और इसके साथ-साथ वर्षा जल को फिल्टर करने का काम भी करती है।

भारत में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली मृदा कौन सी है?

भारत में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली मृदा जलोढ़ मिट्टी है।

मिट्टी के पांच प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?

मिट्टी में पाए जाने वाली पांच प्रमुख घटक खनिज, कार्बनिक पदार्थ, जीव जंतु, वायु और पानी है।

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