सोशल मीडया (Social Media In Hindi) नेटवर्किंग जिसे आम भाषा में लोग सिर्फ सोशल मीडया के नाम से संबोधत किया जाता है, उन वेबसाइटो और वेब एप्लीकेशन को कहते है। जिनकी मदद से यूज़र अपने कं टेट की रचना कर पाता है और उसे ऑनलाइन शेयर भी कर सकता है। इसे सोशल नेटवर्किग भी कह सकते है।
सोशल मीडया (Social Media In Hindi) नेटवर्किंग
इंटरनेट और वेब की जुगलबंदी से तैयार हुआ ये आभासी समाज है जहां लोग एक दूसरे से सोशल नेटवर्किं वेबसाइटो से जुड़ जाते है और अपने विचारों और पसंदों का बेहचक आदान प्रदान करते है ।
इस सोशल मीडया में पेश किया जा रहा कंटेंट टेक्स्ट के रूप में भी हो सकता है या ग्राफ़िक्स, तश्वीर ऑडियो या वीडयो के रूप में भी । जैसे जैसे फेसबुक यूट्यूब और ट्वीटर आिद । मोबाइल फ़ोन पर आए वॉट्सएप नाम के द्रुत मैसेज सर्विस ने तो इस सोशल मीडया नेटवर्किंग को एक नया आयाम दे दिया है ।
एक वॉट्सएप समाज उभर कर आ गया हैजिसमे बड़ी संख्या युवाओ की है।फिर वे चाहे युवा उद्यमी और कामगार हो या स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के छात्र।
इंटरनेट ने ही इस वचु्रअल मीडया कोक्रिएट किया है जिसे हम सोशल मीडया के नाम से जानते है। ये वास्तविक समाज के भीतर एक अनूठी किस्म की आभासी सामाजिकता है और इसे ही आज के समाज में सोशल मीडया कहा जाता है ।
सोशल मीडया की बुनयादी संरचना के तीन प्रमुख घटक है
उपकरण याशिल्प: संचार के लिए यानी सूचना के आदान प्रदान के लिए ।
गितिविधयां या व्यवहारः संचार में शामिल व्यक्तियों की क्रियाये।
सामाजिक व्यवस्था: उपकरणों और व्यवहारों के इर्द गिर्द विकसित रूप।
सोशल मीडया (Social Media In Hindi) का इतिहास:
लंबी दूरी पर मित्रों और परिवार के साथ बातचीत करना सदियों से मनुष्यों की चिंता रहा है। सामाजिक जानवरों के रूप में, लोगों ने हमेशा अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए संचार पर भरोसा किया है। जब आमने-सामने चर्चाएं असंभव या असुविधाजनक होती हैं, तो मनुष्यों ने बहुत सारे रचनात्मक समाधानों का सपना देखा है।
सोशल मीडया (Social Media In Hindi) का इतिहास: फिर और अब
सोशल मीडिया की जड़ें आप जितनी कल्पना कर सकते हैं उससे कहीं ज्यादा गहराई तक फैली हुई हैं। हालांकि यह नया लगता है, आज जो आप सोशल मीडिया देख रहे है वह कई शताब्दियों का परिणाम हैं।
1900 से पहले सोशल मीडिया
अधिक दूरी पर संचार करने की सबसे शुरुआती विधियों में लिखित पत्राचार का इस्तेमाल किया जाता था।
1792 में, टेलीग्राफ का आविष्कार किया गया। इसने संदेशों को बहुत लंबी दूरी पर वितरित करने की इजाजत दी हालांकि टेलीग्राफ संदेश कम थे, वे समाचार और सूचना व्यक्त करने के लिए एक क्रांतिकारी तरीका थे।
1800 के दशक में दो महत्वपूर्ण खोजें हुईं: 1890 में टेलीफोन और 1891 में रेडियो।
दोनों प्रौद्योगिकियां आज भी उपयोग में हैं, हालांकि आधुनिक संस्करण अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक परिष्कृत हैं। टेलीफोन लाइनों और रेडियो संकेतों ने लोगों को तत्काल बड़ी दूरी पर संवाद करने में सक्षम बनाया, कुछ ऐसा जो मानव जाति ने कभी अनुभव नहीं किया था।
20 वीं शताब्दी में सोशल मीडिया
20 वीं शताब्दी में प्रौद्योगिकी बहुत तेजी बदली । पहले सुपर कंप्यूटर बनाए गए, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने उन कंप्यूटरों के बीच नेटवर्क बनाने के तरीकों को विकसित करना शुरू किया, और इसके बाद में इंटरनेट का उदय हुआ।
इंटरनेट के शुरुआती रूप, जैसे कम्प्यूटर्स, 1960 में विकसित किए गए थे। इस समय के दौरान ईमेल के आदिम रूप भी विकसित किए गए थे। 70s द्वारा, नेटवर्किंग तकनीक में सुधार हुआ था, और 1979 के UseNet ने उपयोगकर्ताओं को वर्चुअल न्यूज़लेटर के माध्यम से संवाद करने की अनुमति दी।
1980s द्वारा, घरेलू कंप्यूटर अधिक आम हो रहे थे और सोशल मीडिया अधिक परिष्कृत हो रहा था। इंटरनेट रिले चैट, या आईआरसी का इस्तेमाल पहली बार 1988 में किया जाता था ।
पहली पहचान योग्य सोशल मीडिया साइट, छह डिग्री, 1997 में बनाई गई थी। यह उपयोगकर्ताओं को प्रोफ़ाइल अपलोड करने और अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ दोस्त बनाने में सक्षम बनाता है। 1999 में, ब्लॉगिंग साइटें लोकप्रिय गईं, एक सोशल मीडिया सनसनी पैदा कर रही है जो आज भी लोकप्रिय है।
सोशल मीडिया आज
ब्लॉगिंग के आविष्कार के बाद, सोशल मीडिया की लोकप्रियता में विस्फोट शुरू हुआ। माईस्पेस और लिंक्डइन जैसी साइटें प्रारंभिक 2000 में प्रमुखता प्राप्त कर चुकी थी, और फोटोबकेट और फ़्लिकर जैसी साइटों ने ऑनलाइन फोटो साझाकरण की सुविधा प्रदान की। यूट्यूब 2005 में बाहर आया, लोगों को संवाद करने और एक दूसरे के साथ अधिक दूरी पर साझा करने का एक बिल्कुल नया तरीका दिया।
2006 में, फेसबुक और ट्विटर दोनों दुनिया भर के यूजर के लिए उपलब्ध हुए।
आज, विश्व में अनगिनत सोशल नेटवर्किंग साइट है, और उनमें से कई को क्रॉस-पोस्टिंग की अनुमति देने के लिए जोड़ा जा सकता है। यह एक ऐसा वातावरण बनाता है जहां उपयोगकर्ता अधिकतम संख्या में लोगों तक पहुंच सकते हैं। हम केवल अनुमान लगा सकते हैं कि सोशल नेटवर्किंग का भविष्य अगले 100 वर्षों में भी देखा जा सकेगा, लेकिन ऐसा लगता है कि जब तक मनुष्य जीवित रहते हैं तब तक यह किसी रूप में मौजूद होगा।
सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
फेसबुक
ट्विटर
युटुब
इंस्टाग्राम
लिंक्डइन
व्हाट्सएप
हाइक
स्नैपचैट
वीचैट
फेसबुक मैसेंजर
भारत और सोशल मीडया (Social Media In Hindi)
सोशल मीडिया ने आज के समय में समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और खुलकर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का मौका दिया है।
आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारत में लगभग 350 मिलियन सोशल मीडिया यूज़र हैं और एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2023 तक यह संख्या बढ़कर 447 मिलियन तक पहुँच जाएगी।
वर्ष 2019 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सोशल मीडिया यूजर औसतन 2.4 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं।
इसी रिपोर्ट के अनुसार फिलीपींस के यूजर सोशल मीडिया का सबसे अधिक 4 घंटे प्रयोग करते हैं, जबकि जापान के यूजर सबसे कम 45 मिनट प्रयोग करते है।
इसके आलावा सोशल मीडिया आलोचनाओं के कारण चर्चा में बना रहता है।
सोशल मीडिया असाधारण गति से वृद्धि कर रहा है, इसका स्वरूप भी तेजी से बदल रहा है 1957 में ब्लॉगिंग का दौर शुरू हुआ था। 2001 में विकिपीडिया, जून 2003 में सेकंड लाइफ, अगस्त 2003 में माय स्पेस, फरवरी 2004 में फेसबुक, 2004 में ही पोस्ट कास्ट आ गया।
दिसंबर 2004 डिग, फरवरी 2005 में यूट्यूब, और मार्च 2006 में ट्विटर ने पैठ बना ली। और 2009 में व्हाट्सएप ने सोशल मीडिया संचार को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया।
भारत में फेसबुक
फेसबुक एक ऑनलाईन मुफ्त सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है, जिसके जरिए यूजर अपना प्रोफाइल नियमित कर सकते हैं तस्वीर और वीडियो अपलोड कर सकते हैं, संदेश भेज और पढ़ सकते हैं। और अपने परिवार, परिजनों और मित्रों और सहकर्मियों से ऑनलाइन जुड़े रह सकते हैं। फेसबुक दुनिया की 37 भाषाओं में उपलब्ध है।
फरवरी 2004 में अमेरिका के हॉवर्ड कॉलेज की छात्र मार्क जुकरबर्ग ने अपने साथियों एडवर्ड सावरेन, और एन्ड्रयू मैकुलम, डस्टिन मॉस्कोविट्स और क्रिश हग्स के साथ मिलकर फेसबुक की स्थापना की। इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में है। पूरी दुनिया में फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की आबादी एक अरब के आंकड़े को पार कर गई है। यानी भारत की आबादी के बराबर एक देश।
भारत में फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 2016 तक 19 करोड़ 50 लाख को पार कर गई ।फेसबुक आबादी के मामले में भारत के नंबर वन पर आ जाने की खबरें आई थी लेकिन इंडियन एक्सप्रेस अखबार में फेसबुक के हवाले से इन खबरों का खंडन कर दिया था। फेसबुक का कहना है कि भारत में 20 करोड़ से कुछ ज्यादा फेसबुक की यूजर हैं और अमेरिका के बाद उसका नंबर दूसरा है।
फेसबुक के लिए भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला प्लेटफार्म मोबाइल बन गया है 90 फ़ीसदी फोन पर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। e-मार्केटर प्लेटफॉर्म के मुताबिक भारत में सबसे तेज सोशल मीडिया ग्रोथ रिकॉर्ड की गई। वर्ष 2013 में ही है आगरा 37.4 फ़ीसदी का हो गया था।
भारत में ट्विटर
ट्विटर एक ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग सेवा है जिसके जरिए यूजर 140 कैरेक्टर वाला संदेश भेज और पढ़ सकते हैं। इन संदेशों को ट्वीट कहा जाता है। यूजर, वेबसाइट, एसएमएस या मोबाइल डिवाइस ऐप के जरिए ट्विटर को एक्सेस कर सकते हैं।
ट्विटर की स्थापना मार्च 2006 में जैक डोर्सी, एवं विलियम्स, ब्रिज स्टोन और नोहा क्लास में की थी। जुलाई 2006 में से लांच किया गया था। इसका मुख्यालय अमेरिका के सेंट फ्रांसिस्को में है। ट्विटर को इंटरनेट का एसएमएस भी कहा जाता है।
इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की पूरी दुनिया में हर सेकंड में 6000 से ज्यादा ट्वीट किए जाते हैं| अमेरिकी फर्म ई-मार्केटर के मुताबिक ट्विटर की सबसे बड़ी आबादी अमेरिका में है जहां हर पांच में से एक व्यक्ति ट्विटर पर है।
उसके बाद ब्राजील का नंबर है। भारत में जिस तेजी से डिटेल लोकप्रिय हो रहा है, उसे देखते हुए 2019 तक भारत ट्विटर आबादी के मामले में ब्राजील के साथ दूसरे नंबर पर आ जाएगा।
भारत में व्हाट्सएप
व्हाट्सएप, स्मार्टफोन पर एक क्रॉस प्लेटफॉर्म द्रुत मैसेजिंग सर्विसेज है जो संदेश की आवाज के लिए इंटरनेट पर निर्भर है। कम लागत कम मूल्य के सब्सक्रिप्शन मॉडल पर आधारित व्हाट्सएप, मोबाइल फोन में सेल्यूलर कंपनी की एसएमएस सेवा का एक सस्ता विकल्प बन गया है, खासकर अंतरराष्ट्रीय या ग्रुप में मैसेजिंग के मामले में। इस मोबाइल मैसेजिंग एप के जरिए यूजर टेक्स्ट, तस्वीर और वीडियो मैसेज शेयर कर सकते हैं।
व्हाट्सएप की स्थापना याहू के दो पूर्ण कर्मचारी ब्रायन एक्टन और जान कुआम ने फरवरी 2009 में की थी| इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में है।
यह बात सही है कि अपने बुनियादी स्वरूप में व्हाट्सएप जैसा कि उसकी परिभाषा से ही स्पष्ट है कि वह एक मैसेजिंग सर्विस है जो स्मार्टफोन पर इंटरनेट के जरिए उपलब्ध है। जिसमें यूजरना सिर्फ टेक्स्ट परंतु चित्र ऑडियो और वीडियो भी शेयर कर सकता है।
व्हाट्सएप इंस्टॉल करने के बाद यूजर अपने फोन के तमाम संपर्को अपने परिचितों के साथ इसके जरिए जुड़ सकते हैं| एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ और एक व्यक्ति कई व्यक्तियों के साथ और कई व्यक्ति कई व्यक्तियों के साथ यानी कि समूह में जुड़ सकते हैं
दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का प्रभाव
यह बहुत तेज गति से होने वाला संचार का माध्यम है।
यह जानकारी को एक ही जगह इकट्ठा करता है।
सरलता से समाचार प्रदान करता है।
सभी वर्गों के लिए है, जैसे कि शिक्षित वर्ग हो या अशिक्षित वर्ग।
यहां किसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति किसी भी कंटेंट का मालिक नहीं होता।
फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंट आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है।
सोशल मीडिया के फायदे
सोशल मीडिया दुनिया भर के लोगों से जुड़ने के लिए महत्त्वपूर्ण साधन है और इसने दुनिया में संचार को नया आयाम दिया है।
सोशल मीडिया उन लोगों की आवाज़ बन रहा है जो समाज की मुख्य धारा से अलग हैं और जिनकी आवाज़ को हमेशा से दबाया जाता रहा है।
वर्तमान में सोशल मीडिया अलग अलग व्यापारियों के लिये व्यवसाय के एक अच्छे साधन के रूप में कार्य कर रहा है।
सोशल मीडिया ने विभिन्न प्रकार के रोज़गार भी रोजगार भी उपलब्ध कराये हैं।
वर्तमान में आम नागरिकों को जागरूक करने के लिये सोशल मीडिया का प्रयोग काफी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है।
कई शोधों में सामने आया है कि विश्व में ज्यादातर लोग रोज़मर्रा की सूचनाएँ सोशल मीडिया से ही प्राप्त कर रहे हैं।
सोशल मीडिया के नुकसान
कई शोध बताते हैं कि यदि सोशल मीडिया का आवश्यकता से अधिक प्रयोग हमारे मस्तिष्क को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और डिप्रेशन की ओर ले जा सकता है।
सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ाने का काम करता है।
यह फेक न्यूज़ और हेट स्पीच फैलाने में मदद करता है।
सोशल मीडिया की वजह से गोपनीयता की भी कमी होती है और कई बार तो आपका निजी डेटा भी चोरी होने का खतरा बना रहता है।
सोशल मीडिया के कारण साइबर अपराधों जैसे- हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
सोशल मीडिया केवजह से धोखाधड़ी बहुत होने लगी है।
सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँच रहाआजके है।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
आँकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018-19 में फेसबुक, ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मो पर 3,245 आपत्तिजनक सामग्रियां मिली थी जिनको जून 2019 तक 2,662 सामग्रियाँ हटा दी गईं थीं।
इनमें ज़्यादातर ऐसी सामग्री थी जो धार्मिक भावनाओं और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान कर रही थी। इस बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामग्री का मिलना यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया कितना खतरनाक होता जा रहा है।
सोशल मीडिया के कारण सही तथ्यों को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है।
विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सोशल मीडिया के कारण से गलत सूचनाओं का प्रसार उभरते जोखिमों में से एक है।
यकीनन यह देश की प्रगति में रुकावट है,और भविष्य में इसके खतरनाक परिणाम भी आ सकते हैं।
FAQ
सोशल मीडिया से आप क्या समझते हैं?
सोशल मीडिया एक ऐसा मीडिया है, जो बाकी सारे मीडिया से अलग है। सोशल मीडिया इंटरनेट का उपयोग करके एक वर्चुअल वर्ल्ड बनाता है जिसे उपयोग करने वाला व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर पहुंच बना सकता है।
सोशल मीडिया के उपयोग क्या है?
सोशल मीडिया के उपयोग से कई लाभ होते हैं जैसे कि फोटो, वीडियो, सूचना, डॉक्यूमेंटस आदि को आसानी से शेयर किया जा सकता है, यह सभी वर्गों के लिए उपयोगी है, शिक्षा और मनोरंजन के लिए, देश – दुनिया की ख़बरों के लिए आदि।
सोशल मीडिया कितने प्रकार के होते हैं?
सोशल मीडिया नेटवर्क : Facebook, Twitter, LinkedIn
मीडिया नेटवर्क : Instagram, Snapchat, YouTube
चर्चा मीडिया नेटवर्क : Reddit, Quora, Digg
रिव्यु मीडिया नेटवर्क : Yelp, Zomato, TripAdvisor
ब्रांडिंग एंड पब्लिसिटी : Pinterest, Flipboard
सोशल मीडिया के लिए दूसरा शब्द क्या है?
सोशल मीडिया से संबंधित 5 समानार्थक शब्द, विलोम शब्द और शब्द मिलेंगे, जैसे: सोशल प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया सेवा, सोशल मीडिया वेबसाइट और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट।
मीडिया का क्या अर्थ है?
संचार माध्यम
सोशल मीडिया अच्छा है या बुरा?
चूंकि यह अपेक्षाकृत नई तकनीक है, इसलिए सोशल मीडिया के उपयोग के अच्छे या बुरे, दीर्घकालिक परिणामों को स्थापित करने के लिए बहुत कम शोध हुआ है। हालाँकि, कई अध्ययनों में भारी सोशल मीडिया और अवसाद, चिंता, अकेलेपन, आत्म-नुकसान और यहां तक कि आत्मघाती विचारों के बढ़ते जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया है।
भारत में मीडिया कब आया?
पंद्रहवीं और सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरी धार्मिक साहित्य का प्रकाशन करने के लिए भारत में प्रिंटिंग प्रेस ला चुके थे। भारत का पहला अख़बार बंगाल गज़ट भी 29 जनवरी 1780 को एक अंग्रेज़ जेम्स ऑगस्टस हिकी ने निकाला।
आज कितने लोग सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं?
दुनिया भर में 4.8 बिलियन सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हैं, जो वैश्विक आबादी का 59.9% और सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का 92.7% प्रतिनिधित्व करते हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया कौन है?
फेसबुक
सोशल मीडिया के 7 कार्य क्या हैं?
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के सबसे महत्वपूर्ण कार्य पहचान, बातचीत, साझाकरण, उपस्थिति, रिश्ते, प्रतिष्ठा और समूह हैं।
विश्व में भारतीय मीडिया का कौन सा नंबर है?
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 3 मई को मनाया जाता है। 180 देशों के इस सूचकांक में 36.62 अंक के साथ भारत 161वें स्थान पर है, वर्ष 2022 में भारत का रैंक 150 था।
सोशल मीडिया दिवस कब मनाया जाता है?
30 जून को सोशल मीडिया डे मनाया जाता है।
सोशल मीडिया का शिक्षा पर क्या प्रभाव है?
सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है। सहयोग का बढ़ता आदान-प्रदान: चूंकि हम दिन के किसी भी समय सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते है और कक्षा के बाद शिक्षक से प्रश्नों का समर्थन और समाधान ले सकते हैं। यह अभ्यास शिक्षक को अपने छात्रों के विकास के और अधिक बारीकी को समझने में भी मदद करता है।
सोशल मीडिया हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है?
विश्व में करोड़ो लोग जानकारी साझा करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, सोशल मीडिया आपको दोस्तों और परिवार के साथ संवाद करने, नई नई चीजें सीखने, अपनी रुचियों को विकसित करने और मनोरंजन करने की अनुमति देता है।
सोशल मीडिया का क्या उद्देश्य है?
सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की दूरियां कम करना
आपस में अच्छे से कनेक्ट करना और आपसी समझ को बढ़ाना
सूचनाओं का सहजता से आदान प्रदान होना और सूचनाओं के महत्व को समझना।